સમાચાર ફ્લેશ
Home » Uncategorized » આંધ્રપ્રદેશ રિસોર્ટ રાજકારણ: ટીડીપી કોર્પોરેટ્સને મલેશિયા મોકલે છે શ્રીલંકા વિશ્વાસ મત વિશાખાપટ્ટનમના મેયર

આંધ્રપ્રદેશ રિસોર્ટ રાજકારણ: ટીડીપી કોર્પોરેટ્સને મલેશિયા મોકલે છે શ્રીલંકા વિશ્વાસ મત વિશાખાપટ્ટનમના મેયર

सरकारों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और पार्टी में फूट को रोकने के लिए अक्सर राजनीतिक दल रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लेते हैं। राष्ट्रीय या प्रादेशिक स्तर पर सियायी गलियारों में राजनेताओं को रिसॉर्ट्स में ले जाया जाना कोई नई बात नहीं है। अक्सर एक राज्य के सांसदों या विधायकों को दूसरे राज्य भेजा जाता है, ताकि उन्हें कोई गुमराह न कर सके, लेकिन इस बार रिसॉर्ट पॉलिटिक्स देश की सीमाएं पार कर गई है। इस बार नेताओं को विदेश में ठहराया गया है और वो भी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर।

Trending Videos

दरअसल, आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने रिसॉर्ट पॉलिटिक्स को नया आयाम दिया है। दरअसल, इस बार शहरी निकाय के लिए पार्षदों को रिसॉर्ट पहुंचाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि पार्षदों को देश में नहीं, बल्कि श्रीलंका और मलेशिया में ठहराया गया है। मामला विशाखापत्तनम की मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से जुड़ा है।

यह भी पढ़ें- मुंबई हमले से पहले आगरा क्यों आया था तहव्वुर राणा? होटल में रुका…अब खुलेगा राज

पहले मामले को समझते हैं…

दरअसल, 19 अप्रैल को विशाखापत्तनम की मेयर जी हरि वेंकट कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है। इससे पहले तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने अपने पार्षदों को मलेशिया और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने अपने पार्षदों को श्रीलंका भेज दिया है। वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी का वर्तमान में ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (जीवीएमसी) पर कब्जा है। जी हरि वेंकट कुमारी के अलावा उप महापौर जे श्रीधर और के सतीश भी वाईएसआरसीपी से हैं। सभी पिछले साल राज्य में सत्ता खोने के बाद से बैकफुट पर है। इसकी वजह है- कई बड़े और छोटे नेताओं का टीडीपी में शामिल हो जाना। इस बीच जीवीएमसी में टीडीपी पार्षदों ने 22 मार्च को मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जैसे-जैसे मतदान की 19 अप्रैल की समय सीमा नजदीक आ रही है, दोनों खेमों ने अपने पार्षदों को खरीद-फरोख्त और क्रॉस-वोटिंग को रोकने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। जीवीएमसी के डिप्टी मेयर जियानी श्रीधर के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इस पर 26 अप्रैल को चर्चा हो सकती है।

अब ग्रेटर विजाग नगर निगम का मौजूदा समीकरण समझिए

जीवीएमसी में 98 सीटों में से 59 सीटें वाईएसआरसीपी के पास हैं। टीडीपी के पास 29 पार्षद हैं, जिनमें सहयोगी जेएसपी के तीन पार्षद हैं। भाजपा, सीपीआई और सीपीआईएम के पास एक-एक पार्षद हैं।

यह भी पढ़ें- Who Is Dayan Krishnan: क्यों चर्चा में दयान कृष्णन, आतंकी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में इनकी क्या भूमिका?

तेदेपा के सत्ता में आने के बाद टूटी वाईएसआरसीपी

पिछले जून में तेदेपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सत्ता में आने के बाद लगभग 25 वाईएसआरसीपी पार्षदों ने सरकार का हाथ थाम लिया। अब एनडीए का दावा है कि उसके पास 65 से 70 पार्षद हैं। 

कितने वोटों की जरूरत?

अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिए के लिए 74 वोटों की आवश्यकता होगी।

यह भी पढ़ें- Tahawwur Rana: बेनकाब होता पाकिस्तान; तहव्वुर राणा ने हेडली से कहा था- हमलावरों को मिलना चाहिए निशान-ए-हैदर

एनडीए का पलड़ा भारी क्यों?

  • टीडीपी के प्रदेश अध्यक्ष पल्ला श्रीनिवास राव विजाग शहर में गजुवाका सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने साफ किया कि पार्टी के कुछ पार्षद मलेशिया गए हैं। करीब 26 सदस्य अपने परिवारों के साथ कुआलालंपुर में हैं। 11 पार्षद तो बीते दिन ही गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें अविश्वास प्रस्ताव जीतने का पूरा भरोसा है।’ 
  • जेएसपी विधायक वामसी कृष्णा ने दावा किया, ‘जब टीडीपी के फ्लोर लीडर पी श्रीनिवास राव ने मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, तो उसमें 69 पार्षदों के हस्ताक्षर थे। हमारे पास करीब 70 पार्षदों का समर्थन है और मतदान से पहले हमें और अधिक पार्षदों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।’ 
  • टीडीपी के एक सूत्र ने बताया कि पार्षदों को रिसॉर्ट में कमरे बुक करने के लिए कहा गया था। उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनका खर्च पार्टी उठाएगी।

वाईएसआरसीपी की क्या रणनीति?

  • मामले में वाईएसआरसीपी काफी कमजोर होती जा रही है। उनके पास अब भी 30-34 पार्षद हैं। उन्हें चिंता इस बात की है कि टीडीपी उन्हें अपने पाले में करने के लिए डरा-धमका सकती है। उन्हें अपने पक्ष में वोट करने के लिए मजबूर करेगी। क्रॉस-वोटिंग को रोकने के लिए वाईएसआरसीपी पार्षदों को शुरू में बंगलूरू के बाहरी इलाके के एक रिसॉर्ट में ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें श्रीलंका भेज दिया गया। 
  • वाईएसआरसीपी के एक नेता ने कहा, ‘कुछ ने श्रीलंका में छुट्टी मनाने का मन बनाया था। इसलिए वे कोलंबो गए हैं।’ इस बीच दावा किया जा रहा है कि कुछ पार्षदों ने श्रीलंका जाने से मना कर दिया है। ऐसे में उन नेताओं को मनाने की कवायद जारी है।

संबंधित वीडियो

Source link

40 Views
ktvlive24
Author: ktvlive24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!